रविवार, 3 अप्रैल 2022

माँ ब्रम्हचारिणी जी की आरती | Maa Bramhcharini Ji ki Aarti Lyrics

माँ ब्रम्हचारिणी दुर्गा जी की द्वितीय स्वरूप हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रम्हचारिणी जी को पूजा जाता है। माँ ब्रम्हचारिणी जी अपने दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में कमण्डल धारण करती हैं। माँ ब्रम्हचारिण जी के आरती का पाठ नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता है। जो की इस प्रकार है -


जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रम्हचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।


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