ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।
ॐ जय गंगे माता…
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।
ॐ जय गंगे माता…
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।
ॐ जय गंगे माता…
एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता।
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता।
ॐ जय गंगे माता…
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता।
दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता।
ॐ जय गंगे माता…
यदि आप शायरी, चुटकुले और कहानियॉ लिखने का शौक रखते हैं और आप चाहते हैं की आपका लिखा लेख आपके नाम के के साथ इस वेबसाइट पर प्रकाशित हो, तो कृप्या अपना लिखा हुआ लेख support@meridiaryse.com पर अपने नाम के साथ भेजें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank You