काश ! मेरी सदियों की दुआ कबूल हो जाये,
तेरी निगाहें हमारी अमानत और मेरी बाहें तुम्हारा सिरहाना हो जाये,
एक रोज रखो सर मेरे कंधे पर जब आँख खोलो तो सवेरा हो जाये।
Kash ! meri sadiyon ki duaa kabool ho jaye,
Teri nigahen humari amanat aur meri bahen tumhara sirhana ho jaye,
Ek roj rakho sar mere kandhe par jab aankh kholo to sawera ho jaye.
-Mahak
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